‘रामायण’ का प्रभाव साहित्य से अधिक जन-मानस पर पड़ा है। यही कारण है कि ‘रामायण’ की कथा हमारे देश के कोने कोने में प्रचलित है। किन्तु यह कथा मूल ‘रामायण’ कथा से भिन्न-भिन्न रूपों में प्राप्त होती है। यही कारण है कि ‘रामायण’ में वर्णित सीता-कथा जन-मानस में अलग रूपों में विद्यमान है। जो अलग-अलग रूपों में लोक-साहित्य में वर्णित हुई है। लोक-साहित्य में वर्णित सीता- कथा लोक-जीवन से जुड गई है और इस कारण अधिक संप्रेषणीय है।