लघु नगरीय बस्तियों में प्रदूषण प्रवृत्तियाँ एवं निदान: जिला छतरपुर के बड़ा मलहरा नगर का प्रतीक भौगोलिक अध्ययन
डाॅ. कल्पना खर
उद्भवकाल में नगरों का आकार छोटा रहता है, धीरे-धीरे वे विकास करते हुए बड़ा आकार प्राप्त करते है। नगरी आकार में वृद्धि के साथ ही स्नैह-स्नैह प्रदषण मंे अभिवृद्धि होती है, जो नगरीय जनसंख्या के स्वास्थ्य एवं कार्यक्षमता को प्रभावित करती है। नगरों के आकार में वृद्धि तो हो, किन्तु प्रदूषण न बढ़े, इसके लिये लघुस्तर की अवस्था के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण की कारगार योजना को मूर्तरूप दिया जाना चाहिये। प्रस्तुत प्रवृत्तियों के अध्ययन छतरपुर जिला में स्थित चतुर्थ श्रेणी का नगर बड़ा मलहरा का प्रतीक भौगोलिक अध्ययन से प्राप्त परिणामों में पाया गया कि 2011 की जनगणना के अनुसार इस शहर में कुल 18335 व्यक्ति निवास करने के बावजूद जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण एवं भूमि प्रदूषण की चपेट में आ गया है। प्रदूषण का प्रभाव नगर की जनसंख्या पर पड़ रहा है। आवश्यकता है प्रदूषण को नियंत्रित करने की, जिसे प्रदूषण स्त्रोत स्थलों पर ही उपचार करने तथा प्रदूषण के प्रति जनजागरण की।
डाॅ. कल्पना खर. लघु नगरीय बस्तियों में प्रदूषण प्रवृत्तियाँ एवं निदान: जिला छतरपुर के बड़ा मलहरा नगर का प्रतीक भौगोलिक अध्ययन. International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 3, Issue 12, 2017, Pages 46-49