श्री विश्वनाथ प्रताप सिंह (पूर्व प्रधानमंत्री) : व्यक्तित्व का विश्लेषणात्मक अध्ययन
डाॅ0 इन्द्रजीत सिंह
विश्वनाथ प्रताप सिंह ने रियासत के राजुमार की तरह जन्म लिया। घटनावश दूसरी रियासत के राजा भी बने। राजनीति में पांच जमाने के लिए उन्हें बहुत अधिक संघर्ष भी नहीं करना पड़ा। विद्यार्थी जीवन से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक राजनीति खुद उनके स्वागत में मखमली कालीन बिछाती रही। सक्रिय राजनीति से सन्यास लिया तो अपनी मर्जी और स्वास्थ्य संबंधी कारणों से लोकतंत्र के रास्ते राजनीति में आए तो उसकी गरिमा को कभी ठेस न आनेदी। सहजता, सचरित्रता, सदाचरण, ईमानदारी और अपने मौलिक दृष्टिकोण के बल पर हमेशा दूसरों के लिए नवीनतम मानक गढ़ते गए। उनके संपर्क में आने वालों को कभी नहीं लगा कि वे राजा हैं। उनके आसपास राजनीतिक अवसरवाद खूब फला-फूला, मगर उसको कभी आड़े नहीं आने दिया। कोई प्रलोभन उन्हें अपने सिद्धान्तों से डिगा नहीं पाया।
डाॅ0 इन्द्रजीत सिंह. श्री विश्वनाथ प्रताप सिंह (पूर्व प्रधानमंत्री) : व्यक्तित्व का विश्लेषणात्मक अध्ययन. International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 5, Issue 1, 2019, Pages 46-49