"प्राथमिक विद्यालयों में घटती छात्र संख्या" रूद्रप्रयाग जनपद के सन्दर्भ में
डाॅ0 पूनम भूषण, डाॅ0 आबिदा
प्राचीन काल से ही शिक्षा मानव के विकास का मेरूदण्ड मानी गयी है। सभी कालों में शिक्षा व्यवस्था भिन्न - भिन्न रही है । प्राचीन काल में गुरूकुल प्रणाली से लेकर आज अनेक प्रकार की शिक्षण संस्थाएं शिक्षा का माध्यम रही है। सरकारी आंकडे़ बताते है कि सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों का नामांकन लगातार घट रहा है बेसिक शिक्षा विभाग लाख कोशिशों के बावजूद नामांकन बढ़ाने में असफल रहा है। अध्ययन और सर्वे की मशहूर संस्था "प्रथम" की 2014 की सालाना शिक्षा रिर्पोट बताती है कि भले ही 96.7 प्रतिशत बच्चे विद्यालय में प्रवेश लेते है लेकिन 71 प्रतिशत बच्चे ही स्कूल जाते है। उत्तराखण्ड राज्य की वर्तमान स्थिति देखते है तो यहाॅ लगभग 700 से अधिक स्कूल बन्द कर दिये गये है। प्रस्तुत अध्ययन में जनपद रूद्रप्रयाग के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में घटती छात्र संख्या को जानने का प्रयास किया गया है।