कारण-कार्य सिद्धांत दर्शन जगत का बहुतचर्चित और विवादास्पद सिद्धांत रहा है। इस सिद्धांत पर प्राच्य एवं पाश्चात्य दोनों दर्शनों में व्यापक विमर्श हुआ है। भारतीय दर्शन में जहाँ द्रव्यात्मक पक्ष पर विशेष बल दिया गया है वहीं पाश्चात्य दर्शन में संबंधात्मक पक्ष पर बल दिया गया है। आधुनिक दार्शनिक ह्यूम से लेकर ब्रेडले तक कारणता सिद्धांत के अंतर्गत कारण कार्य के बीच निहित संबंध की मीमांसा की गई है। ब्रेडले कारण कार्य संबंध का तार्किक परीक्षण करते हुये यह दिखाने का प्रयास किया है कि-कारण कार्य का संबंध आभास् मात्र है, सत्य नहीं।
डॉ. अनन्त कुमार यादव. कारणता सिद्धान्त और ब्रेडले. International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 5, Issue 6, 2019, Pages 206-208