पद्मावत में शुद्ध रोमानी प्रेम है तथा विलगाव से लगाव तक की प्रेम कथा समाहित है साथ ही प्रेम के माध्यम से खुदा के नूर की कल्पना की गई है और फिर पद्मावत में एक साथ दो कथा समान्तर चलने लगती है एक लौकिकता के स्तर पर दूसरा इहलौकिकता के स्तर पर। कृत्रिमता का लेस मात्र भी पद्मावत में दिखाई नहीं देता है। प्रकृति से लगाव, प्रकृति के सहयोग से प्रेम तत्त्व के निरूपण में जायसी अपने समकालीन कवियों से काफी आगे दिखाई देते हैं। पद्मावत की सबसे सबसे बड़ी खासियत है इसका त्रासदी में बदल जाना जिसके द्वारा मन का विरेचन होता है। जबकि यह सिर्फ मन का ही विरेचन नहीं है वरन दैहिक प्रेम का सम्पूर्ण विरेचन है और अध्यात्मिक और रोमानी प्रेम का समन्वय है।
प्रभात कुमार. जायसी: रोमानी प्रेम के सूफी शिल्पकार. International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 6, Issue 3, 2020, Pages 113-115