ऐतिहासिक नगर बिरसिंहपुर में ग्रामीण पर्यटन की समस्याएं एवं संभावनाएं
सितेश भारती गोस्वामी
ग्रामीण पर्यटन को हरित पर्यटन तथा फार्म पर्यटन का नाम भी दिया जाता है। यह स्वास्थ्यवर्धक पर्यटन है,जो पर्यटन स्थलो के विकास को ग्रामीण परिप्रेक्ष्य में देखता है । यह पर्यटन प्रादेषिक एवं कृषि समुदायों को प्रोत्साहन देता है। देष के विभिन्न राज्य अपने ग्रामीण अंचलो में विरासत से मिली परम्पराए, रीति रिवाज, कला संस्कृति, समेटे हुए है। यदि इन क्षेत्रों को संरक्षित एवं सुरक्षित करना है,तो पर्यटन से जोड़ना ही उचित है। ताकि इनकी जानकारी सभी को हो सके। एैसा ही एक त्रेतायुगीन नगर है,बिरसिंहपुर जो म0प्र0 के सतना जिले में उत्तर प्रदेष की सीमा पर स्थित है। जहां अनेक प्राचीन मंदिर,प्राचीन मूर्तियां,कुण्ड,षिलालेख,भग्नावेष तथा दुर्लभ वन, वन्य जीव एवं औषधियां है। यदि इस क्षेत्र को पर्यटन के नक्षे से जोड़ दिया जाए तो इस क्षेत्र में लोगो को रोजगार की प्राप्ति होगी। एवं यहां के लोगेा का आर्थिक सामाजिक विकास होगा। बिरसिंहपुर नगर के प्राचीनतम स्मारको,मंदिरो, वनो को सुरक्षित करके लोगो के रोजगार का एक अच्छा साधन बन कर उभरेगा। जो इस नगर के क्षेत्रीय विकास को तेजी से बढ़ाने में मददगार होगा।
सितेश भारती गोस्वामी. ऐतिहासिक नगर बिरसिंहपुर में ग्रामीण पर्यटन की समस्याएं एवं संभावनाएं. International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 6, Issue 4, 2020, Pages 19-23