प्रस्तुत शोध-पत्र द्वारा भारत में बहने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा नदी तन्त्र की चर्चा की गई है। भारत में इसके तट पर स्थित प्रमुख नगर एवं उसके महत्त्व की चर्चा की गई है साथ ही साथ गंगा नदी की धार्मिक, सामाजिक एवं आर्थिक महत्त्व पर प्रकाश डाला गया है। भारत में गंगा नदी केवल नदी नहीं है बल्कि आध्यात्मिक, सांस्कृतिक चेतना के साथ देवी एवं माॅं के रूप में पूजित एवं प्रतिष्ठित है। गंगा नदी तट पर अपने उद्गम स्थल से सागर मिलन स्थल तक कई प्राचीन धार्मिक तीर्थ स्थल हैं। धार्मिक तीर्थ स्थल के अलावे गंगा नदी के तट पर कई औद्योगिक एवं ऐतिहासिक नगर बसे हैं। गंगा नदी भारत में बहने वाली सबसे बड़ी एवं सबसे पवित्र नदी होने के बावजूद भी अपने उद्गम स्थल पर एवं मुहाना पर गंगा नदी के नाम से नहीं जानी जाती है। भारत वर्ष के उत्तराखण्ड राज्य में देवप्रयाग नामक स्थल पर भागीरथी एवं अलकनन्दा नदी का मिलन होता है, इन दो जल स्त्रोत के मिलन के बाद एकीकृत हुए जल स्त्रोत को गंगा नाम से जाना जाता है। परन्तु गंगा नदी का उद्गम भागीरथी नदी के उद्गम स्थल अर्थात् गोमुख को माना जाता है। देवप्रयाग से गंगा ऋषिकेश होते हुए हरिद्वार पहॅंुचती है। हरिद्वार से गंगा नदी मैदानी क्षेत्र में बहती है, इससे पूर्व नदी पहाड़ी घाटी में बह रही होती है। गंगा नदी भारत के पाॅच राज्यों से हो कर बहती है जबकि गंगा नदी तन्त्र भारत के ग्यारह राज्यों में फैली है। गंगा नदी पश्चिम बंगाल में दो वितरिकाओं में बॅंट जाती है। गंगा की मुख्य धारा बंगलादेश में पद्मा नदी के नाम से बहती है जिसमें ब्रह्मपुत्र नदी एवं मेघना नदी मिलती है, मेघना नदी के मिलने के बाद यह नदी मेघना नाम से सागर में मिलती है वही पश्चिम बंगाल में गंगा की दूसरी धारा हुगली नदी के नाम से भारत में बहती है और अन्त में बंगाल की खाड़ी में जा मिलती है। गंगा नदी तट पर हरिद्वार, बनारस, प्रयाग, विंध्याचल, गंगा सागर जैसे धार्मिक नगर बसे हैं वही पटना, कोलकता जो बिहार एवं पश्चिम बंगाल राज्य की राजधानी है, बसी है। कानपुर, कन्नौज, भागलपुर औद्योगिक नगर बसे है। गंगा जल की ऐसी विशेषता है जो किसी जल में प्राप्त नहीं होता है यह विशेषता है गंगा जल का कभी खराब नहीं होने का। वैज्ञानिकों का मत है कि गंगा जल में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु होते हैं, जो जीवाणुओं एवं अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों को जीवित नहीं रहने देता है जिससे गंगा जल कभी खराब नहीं होता है।
डाॅ. मुकेश कुमार, डाॅ. मोना बाला. गंगा नदी प्रवाह तन्त्र एवं तट पर बसे नगर. International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 7, Issue 1, 2021, Pages 141-146