स्वतंत्र भारत में बालिका शिक्षा की स्थितिः एक अध्ययन
आकाश वर्मा, निधिबाला
शिक्षा मानव जीवन को उन्नत बनाने का सशक्त माध्यम है। यह मानव जीवन का अभिन्न अंग है। स्त्री तथा पुरुष जीवन रूपी रथ के दो सहगामी पहिए हैं इन दोनों के परस्पर संबंधों के बीच रथ का संचालन होता है इसलिए शिक्षा की जितनी आवश्यकता बालकों को उतनी ही बालिकाओं को भी है। शिक्षा समाज में लोगों के अन्दर नैतिक मूल्यों का विकास करती है ऐसे में देश के प्रत्येक नागरिक को शिक्षित करना अनिवार्य है। प्रस्तुत शोधपत्र में शोधार्थी द्वारा भारत की स्वतंत्रता के पश्चात् बालिका शिक्षा के लिए सरकार द्वारा किए गए विभिन्न प्रयासों, स्वतंत्र भारत में बालिका की साक्षरता की स्थिति, बालिकाओं का नामांकन, वर्तमान में बालिका शिक्षा की धीमी गति के कारण का अध्ययन किया है साथ ही वर्तमान में केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा बालिका शिक्षा के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का भी अध्ययन किया गया है।
आकाश वर्मा, निधिबाला. स्वतंत्र भारत में बालिका शिक्षा की स्थितिः एक अध्ययन. International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 8, Issue 1, 2022, Pages 21-24