हरियाणा में मनरेगा अधिनियम के क्रियान्वयन में पंचायती राज संस्थाओं (PRI”S) की भूमिकाः जिला गुरूग्राम का तुलनात्मक अध्यन
संध्या तिवारी, भगवान सिंह
भारत में पंचायतें महत्वपूर्ण संस्था है, जिसके माध्यम से भारत जैसे विशाल और विविधताओं वाले देश में प्रशासन आमलोगों तक पहुंचता है और स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति स्थानीय लोगों के स्थानीय अधिकार द्वारा की जाती है । यही सच्चे लोकतन्त्र और पंचायती राज का सार तत्व है । शाब्दिक दृष्टि से पंचायती राज हिन्दी भाषा के दो शब्द पंचायत और राज से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है पॉच प्रतिनिधियों के समूह का शासन । भारत के प्राचीन पंचायत राज के विषय में कार्लमार्क्स ने श्दास कैपिटलश् में लिखा है कि भारतीय ग्राम समुदाय धार्मिक ढंग से सयुक्त स्वामित्व तथा किसान और मजदूर के श्रम विभाजन पर आधारित है, ये ग्राम समुदाय अपने आप में परिपूर्ण है ।
संध्या तिवारी, भगवान सिंह. हरियाणा में मनरेगा अधिनियम के क्रियान्वयन में पंचायती राज संस्थाओं (PRI”S) की भूमिकाः जिला गुरूग्राम का तुलनात्मक अध्यन. International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 8, Issue 1, 2022, Pages 29-31