किशोर श्रमिकों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति (शिवपुरी शहर के विशेष संदर्भ में)
गौरव आर्य
प्रस्तुत शोध में मध्य प्रदेश के शिवपुरी नगर के किशोर श्रमिकों की सामाजिक आर्थिक स्थिति को समझने का प्रयास किया गया है। इस शोध पत्र में अन्वेषणात्मक एवं वर्णात्मक पद्धति का प्रयोग करते हुए फुटकर दुकानों, छोटे होटलों, ढाबों, चाय की दुकानों आदि पर कार्यरत 12-18 आयु वर्ग के 100 श्रमिकों को सर्वेक्षित किया गया है। प्रस्तुत शोध हेतु तथ्यों का संकलन शोधकर्ता द्वारा साक्षात्कार-अनुसूची, अवलोकन, व्यक्तिगत अध्ययन तथा अनियमित साक्षात्कार प्रविधियों के माध्यम से किया गया है। अध्ययनोपरांत यह ज्ञात हुआ कि किशोर श्रमिकों के परिवारों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय थी, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें असंगठित क्षेत्र में कार्य करने के लिए बाध्य होना पड़ा, और वे शिक्षा से वंचित रह गए। वे बहुत कम पारिश्रमिक पर औसतन प्रतिदिन 9.8 घंटे कार्य कर रहे थे। एवं अधिक श्रम करने के बावज़ूद भी इनको आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा था। इस तरह के कार्य करते हुए बहुत से किशोरों को मालिकों और सहकर्मियों की संगति ने बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू आदि के सेवन की लत लग गयी थी, जिसका दुष्प्रभाव उनकी सेहत पर दिखाई दे रहा था।
गौरव आर्य. किशोर श्रमिकों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति (शिवपुरी शहर के विशेष संदर्भ में). International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 8, Issue 2, 2022, Pages 29-33