International Journal of Humanities and Social Science Research

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International Journal of Humanities and Social Science Research
International Journal of Humanities and Social Science Research
Vol. 8, Issue 3 (2022)

नई विश्व व्यवस्था और रूस-यूकेन विवाद के विभिन्न पहल


धर्मेन्द्र चौधरी

विश्व में अमेरिकी प्रभुत्व के दबदबे के स्थित होने के साथ ही विश्व व्यवस्था एकधुवीय विश्व से बहुधुवीय विश्व व्यवस्था की और परिवर्तित हो रही है। वर्तमान समय में रूस व युक्रेन विवाद के चलते पूरा विश्व दो गुटों मे बँट गया है। जहाँ एक तरफ छ।ज्व् समर्थित देश है जो कि अमेरिका के नेतृत्व में है, वही दुसरी तरफ रूस के नेतृत्व में सभी साम्यवादी देशों का जमावड़ा है। विश्व व्यवस्था मे इस प्रकार दो प्रभुत्वशाली राष्ट्रों के नेतृत्व में विश्व दो भागों में बँट गया है। जहाँ एक तरफ पूँजीवादी देश हैं वहीं दूसरी तरफ साम्यवादी देश। इस प्रकार युक्रेन विवाद के बढने से स्थिति इतनी गंभीर है या हो गई है कि नाटो ;छ।ज्व्द्ध देशों व रूसी सेना के बीच कभी भी युद्ध की स्थिति बन सकती है। नाटो देश से सम्बन्धित इस पूरे विवाद में एक नए युद्ध की संभावना व विनाश की स्थिति को जन्म दिया है। रूस व युक्रेन विवाद के कारण उत्पन्न हुई इस परिस्थिति का मुख्य जिम्मेदार नाटो के नेतृत्वकारी राष्ट्र अमेरिका को कहा जा सकता है, क्योंकि युक्रेन का साथ अमेरिका के द्वारा हर स्थिति में दिया जा रहा है। जिससे की अमेरिका रूस की शक्ति को इस विश्व व्यवस्था मे फिर से धुमिल कर सके व अपनी हेजेमनी व सुपर पॉवर वाली छवि को फिर से विश्व व्यवस्था में कायम कर सके। इन सभी कारणो से रूस व युक्रेन विवाद इतनी भयानक परिस्थिति में पहुँच गया है कि यूरोप भी इस आग से नही बच सकता है। हम सभी जानते है कि यूरोप और अधिकतर विश्व रूस से गैस के आयात पर पूरी तरह से निर्भर है। भारत भी इस समीकरण से अछुता नहीं है रूस पर नाटो द्वारा प्रतिबंध से भारत अपने गैस के आयात पर सऊदी अरब पर निर्भर हो जाएगा और ये समीकरण इस कदर उलझे हुए है कि सम्पुर्ण विश्व को गैस सकंट के सामने लाकर खड़ा कर सकता है, जो कि किसी अनहोनी से कम नही है।
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धर्मेन्द्र चौधरी. नई विश्व व्यवस्था और रूस-यूकेन विवाद के विभिन्न पहल. International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 8, Issue 3, 2022, Pages 54-57
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