शिक्षा, सामाजिक समानता का सबसे बड़ा साधन है लेकिन सबको समान रूप से शिक्षित करना विकाशशील देशों के लिए एक कठिन काम है हालाँकि हमारे देश की सरकारों द्वारा सबके लिए शिक्षा का प्रावधान किया गया है जो कि संविधान के 86 में संशोधन अधिनियम 2002 द्वारा 21। जोड़ा गया जो ये प्रावधान करता है कि 6 से 14 वर्ष के सभी बालकों के लिए निशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा का अपबंद करेगा भारत के कई हिस्सों में लोगों को दो वक्त का खाना भी नसीव नहीं होता जिसके चलते लोग अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते ताकि वह कुछ कमा कर कम से कम एक या दो वक्त का खाना खा सकें जिसका बच्चों की शिक्षा पर वुरा असर पड़ता है सरकार ने इस के लिए मध्याह्न भोजन योजना मिड डे मील कार्यक्रम शुरू किया ताकि बच्चे शिक्षा भी ग्रहण करें और कम से कम एक समय का खाना भी खा सकें अब स्कूली बच्चों को भोजन उपलब्ध कराने के कार्यक्रम नेशनल प्रोग्राम फॉर मिड-डे मील का नाम बदल दिया गया है. मिड-डे मील स्कीम अब प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण स्कीम हो गया है. नाम बदलने के साथ इस स्कीम के दायरे में भी बदलाव किया गया है. इस शोध लेख का उद्देश्य इन दोनों योजनाओं के बीच सम्बन्ध,अंतर तथा समानताओं का विश्लेष्ण करना है ।
गुरमीत सिंह. मध्याह्न भोजन योजना वनाम प्रधानमंत्री पोषण योजना. International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 8, Issue 4, 2022, Pages 35-38