1728 के अमझेरा युध्द के पश्चातं एक ओर मराठा सैन्य प्रतिष्ठा में वृध्दि तथा नियमित चैथ एवं सरदेशमुखी वसूलने का अधिकार मालवा व बुंदेलखंड से प्राप्त हुआ। मल्हारराव होलकर ने मालवा क्षेत्र में होलकर राज्य की स्थापना की। होलकर वंश सदैव से एक शक्तिशाली राज्य के रूप में प्रतिष्ठित रहा। जिस समय 1857 स्वतंत्रा संग्राम अपने चरम शिखर पर था उस समय तुकोजीराव होलकर द्वितीय का शासन था। उनके द्वारा प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से अंग्रेजों के प्रति निष्ठा रखते हूए विद्रोहियों का साथ भी दिया। वे कहीं ना कहीं इस बात से अवगत थे कि अंग्रेज दोगली नीति के तहत होलकर राज्य को मराठा वंश की तरह ही नष्ट कर देंगे। इसी के फलस्वरूप विद्रोहियों को गुप्त रूप् से सहयोग महाराजा द्वारा प्रदान किया गया। इस विषय में आगे विद्वानो द्वारा प्रश्नचिन्ह लगाते हुए पक्ष-विपक्ष भी रखे गए।
दिनेश महाजन. 1857 का महासंग्राम एवं तुकोजीराव होल्कर द्वितीय. International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 8, Issue 4, 2022, Pages 89-93