ग्रामीण स्थानीय स्वशासन में महिला प्रतिनिधित्वः मध्यप्रदेश पंचायत आम निर्वाचन 2022 के विशेष संदर्भ में
आनंद तिवारी
पंचायती राज संस्थाएं लोकतंत्र का आधार है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुने गये पंचायती राज प्रतिनिधियों से प्रजातन्त्र की इस आधारभूत कड़ी को मजबूती मिलती है। प्रदेश के ग्रामीण अंचलों की आर्थिक समृद्धि, सामाजिक सशक्तिकरण तथा समग्र विकास के लिये यह आवश्यक है कि त्रिस्तरीय पंचायतराज व्यवस्था बेहतर रूप से लागू हो। 73 वें संविधान संशोधन के माध्यम से पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया गया तथा महिलाओं की राजनैतिक भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई। महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए मध्य प्रदेश ने वर्ष 2007 से त्रि-स्तरीय पंचायत राज संस्थाओं में महिलाओं का आरक्षण बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया। हाल ही में प्रदेश में छठवें पंचायत का निर्वाचन सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ है। प्रस्तुत शोध में मध्य प्रदेश के विभिन्न पंचायत निर्वाचनों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधित्व का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। साथ ही वर्ष 2022 के छठवें पंचायत निर्वाचन में निर्वाचित महिला प्रतिनिधित्व का जिलेवार अध्ययन किया गया है। तथ्यों के विश्लेषण से यह परिणाम प्राप्त हुआ कि स्थानीय स्वशासन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व आरक्षण की सीमा से अधिक है और इसमें निरंतर वृद्धि की प्रवृत्ति दिख रही है जो कि महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक है।
आनंद तिवारी. ग्रामीण स्थानीय स्वशासन में महिला प्रतिनिधित्वः मध्यप्रदेश पंचायत आम निर्वाचन 2022 के विशेष संदर्भ में. International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 8, Issue 6, 2022, Pages 48-55