भारत में नगरीकरणः उत्पत्ति, प्रक्रिया एंव विकास- एक अध्ययन
मोनू
भारत नगर सभ्यता का जनक है। ईसा से हजारों वर्ष पूर्व जबकि यूरोप के लोगों को झोपड़ियों में अच्छी प्रकार से रहना भी नहीं आया था, यहाँ ऐसे नगर बसे हुए थे जो कि कई मायनों में आज के नगरों से बराबरी कर सकते थे। लेकिन जैसा कि नगर सभ्यता के मर्मज्ञ सेवियत् विद्वान डा. कॉरोत्स्काया का कहना है, “इतिहास व कलाबिदू और दूसरे, जिन्होंने भी भारतीय सभ्यता और वास्तुकला के बारे में लिखा है, लगभग सभी ने नगरीय सभ्यता व भारतीय नगरों के बारे में या तो चुप्पी बरती है या फिर उसका सरकारी तौर पर उल्लेख मात्र किया है। नगरों की स्मृति के संक्षिप्त विवरण से आरम्भ करके यह एक प्रमुख विषय के रूप में उभरा जिसने प्रमुख ऐतिहासिक परिवर्तनों के संबंध में अंर्तदृष्टि प्रदान की। नगरीय अध्ययन को जो सर्वाधिक चुनौतिपूर्ण बनाता है वह यह है कि यह मात्र अन्तर्विषयक नहीं है अपितु इसकी सीमाएं विघटित होती रहती हैं और नए तथा अप्रत्याशित उत्तरों के लिए एक संयुक्त प्रयास आरंभ हो जाता है।
मोनू. भारत में नगरीकरणः उत्पत्ति, प्रक्रिया एंव विकास- एक अध्ययन. International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 8, Issue 6, 2022, Pages 99-100