भारतीय राष्ट्रवाद की उत्पत्ति, प्रक्रिया, विकास विश्लेषणात्मक अध्ययन
विशाल
ब्रिटिश शासन ने भारत में एक नवीन राजनीतिक चेतना, राष्ट्रीयता के विचार और राजनीतिक अधिकारों को जन्म दिया। ब्रिटिश शासन के तहत विभिन्न प्रकार के शोषण का सामना करने और एंग्लो इंडियंस के प्रत्यक्ष नस्लवादी रवैये के कारण भारतीयों ने विदेशी शासन के विरूद्र आवाज उठाने की आवश्यकता को महसूस किया। पाश्चात्य शिक्षा के लाभार्थी भारतीय बुद्धिजीवि वर्ग ने ब्रिटिश शासन के शोषणकारी चरित्र को बेनकाब करने में और जनमत को एक छत्रि के नीचे लामबंद करने में मुख्य भूमिका निभाई। पहले विभिन्न प्रांतो के लोगों ने उनके हितों के बचाव के लिए अपने-अपने एसोसिएशन बनाए जिनसे कांग्रेस के निर्माण का राजा तैयार हुआ। प्रारंभिक कांग्रेसी नेताओं ने ब्रिटिश शासन के तहत् भारत में हो रहे रूपांतरण को भाप लिया था तथा उन्होनें ब्रिटिश के प्रभाव से उत्पन्न स्थितियों का फायदा उठाते हुए एक भारतीय सगठित जनमत का निर्माण करने का प्रयास किया। इतिहासकारों ने भारतीय राष्ट्रवाद की बुनियादों को विभिन्न दृष्टिकोणों से विश्षवित किया परन्तु तथ्य यह है कि इसके संकीर्ण सामाजिक आधार तथा सीमिन दृष्टिकोण के बावजूद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना ने राष्ट्रीयता के लिए नवीन लोकतांत्रिक राजनीतिक आंदोलन की यात्रा के चिन्ह छोड़े।
विशाल. भारतीय राष्ट्रवाद की उत्पत्ति, प्रक्रिया, विकास विश्लेषणात्मक अध्ययन. International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 8, Issue 6, 2022, Pages 97-98