लोकनायक जयप्रकाश नारायण बीसवीं शताब्दी के एक महान सांस्कृतिक समाजवादी और राजनीतिक दार्शनिक थे। जयप्रकाश नारायण का सांस्कृतिक समाजवादी अवधारणा महात्मा गांधी के मानवतावादी और नैतिक समाजवादी अवधारणा की तरह ही था ।वह भारत में ऐसी सामाजिक व्यवस्था के निर्माण की बात कहते थे जिसमें व्यक्ति को अपना बौद्धिक, नैतिक तथा मानसिक क्षेत्र में व्यक्तित्व के विकास के लिए पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त हो सके। वह भारत की भ्रष्टाचार तानाशाह, जातिवाद, क्षेत्रवाद और संकुचित दलवादी भावनाओं से ग्रस्त शासन व्यवस्था में बदलाव की क्रांति लाकर समाजवादी व्यवस्था के निर्माण करने के पक्षधर थे। मार्क्स से गांधीवाद की और बढ़ते जयप्रकाश बाबु की जीवन यात्रा एक व्यक्ति की नही बल्कि विचारों का विकास है। लोकनायक जयप्रकाश नारायण कहिये या जे पी बिहार की धरती का यह सूरज स्वतंत्र भारत को लोकतंत्र और नए भारत के निर्माण का पाठ पढ़ा गया ।
Dr. Kavita Raj. जयप्रकाश नारायण, लोकतंत्र और नया भारत. International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 8, Issue 6, 2022, Pages 129-131