प्रथम विश्वयुद्धः कारण एवं प्रभाव- एक विश्लेषणात्मक अध्ययन
उत्सव कुमार
प्रथम विश्वयुद्ध मानव जनित एक भयंकर त्रासदी थी जिसने संपूर्ण मानव विकास को प्रभावित किया। सन 1914 से शुरू हुए प्रथम विश्व युद्ध में तत्कालीन छोटी-बड़ी घटनाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा राष्ट्रों ने अपने हितों की पूर्ति हेतु उन सभी साधनों का इस्तेमाल किया जिससे वे अधिक भौगोलिक क्षेत्र और धन को प्राप्त कर सकें। केंद्रीय शक्ति तथा मित्र राष्ट्र के मध्य हुए इस युद्ध ने भविष्य में होने वाले उन महायुद्धों के मार्ग को भी प्रशस्त किया जो धन तथा भौगोलिक क्षेत्रों की लालसा से लड़े गए। इस महायुद्ध ने संपूर्ण मानव जाति को पतन के ऐसे गर्त में धकेल दिया जहां खतरनाक परमाणु और रासायनिक हथियारों ने मानव जाति के साथ-साथ समस्त जीव-जंतुओं और पर्यावरणीय विकास को बाधित किया। प्रथम विश्ववयुद्ध ने विश्व के प्राचीनतम साम्राज्यों को ध्वस्त करने के साथ यूरोप में भौगोलिक क्षेत्रों के विभाजन को एक नई गति प्रदान की जिसके कारण नए-नए राष्ट्रों का जन्म हुआ जिनमें राष्ट्र-राज्य के साथ राष्ट्रवाद की भावना का विकास हुआ जो कालांतर में कई अन्य युद्धों का साक्षी बना। अतः विभिन्न तथ्यों और घटनाओं को ध्यान में रखकर प्रथम विश्व युद्ध के कारण और प्रभाव की विस्तृत विवेचना इस शोध में वैज्ञानिक ढंग से की गई है।
उत्सव कुमार. प्रथम विश्वयुद्धः कारण एवं प्रभाव- एक विश्लेषणात्मक अध्ययन. International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 8, Issue 6, 2022, Pages 151-159