भारत में सुशासन के लिए नागरिक सहभागिता में सरकार की भूमिकाः एक सूक्ष्म अध्ययन
अंकित पाण्डेय
सुशासन के लिए भागीदारी एक अनिवार्य शर्त हैं । हाल के वर्षाे में भागीदारी या सहभागिता लोक प्रशासन के प्रमुख विषय के रूप में अपनी अलग एवं विशिष्ठ पहचान बनाई है । भागीदारी प्रशासनिक गतिविधियों में हर तरह के नागरिक हस्तक्षेप को शामिल करती है । यद्यपि जान भागीदारी तभी सार्थक हो सकती है जब भागीदारी में शामिल नागरिक अपने अधिकारों व उत्तरदायित्व से पूरी तरह वाकिफ हों तथा उन्हें सम्बन्धित कार्ययोजना को पूरी जानकारी हो । भारत में सरकार द्वारा नागरिक सहभागिता के लिए “मेरी सरकार” नामक पोर्टल की शुरुवात करना सरकार का सुशासन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है । जन भागीदारी आम नागरिकों को ऐसा प्लेटफॉर्म देती है जहाँ वह अपनी समस्याओं व जरूरतों व आवश्यकताओं के समर्थन में अपनी सार्थक आवाज बुलंद कर सकता है तथा अपने आप को शासन प्रक्रिया का अभिन्न अंग मानकर उससे जुड़ा महसूस करता है । प्रशासन में नागरिकों की सहभागिता नागरिकों को सिर्फ मतदान से आगे जाकर अपनी रचनात्मकता व सच्ची नागरिकता को निखारने व संवारने का अवसर प्रदान करती है ।
अंकित पाण्डेय. भारत में सुशासन के लिए नागरिक सहभागिता में सरकार की भूमिकाः एक सूक्ष्म अध्ययन. International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 9, Issue 1, 2023, Pages 6-8