ग्रामीण नेतृत्व में जागरुकताः एक समाजशास्त्रीय विश्लेषण (पटना जिले के विशेष संदर्भ में)
रीता रानी
प्रस्तुत शोध-पत्र ग्रामीण नेतृत्व में जागरुकता के समाजशास्त्रीय विश्लेषण से सम्बंधित है। इसमें पटना जिले के विशेष संदर्भ में विश्लेषण किया गया है। ग्राम पंचायत सरपंच, पंच और सचिव तीनों से मिलकर बनता है, जिसमें सचिव प्रशासकीय पद होता है तथा शेष पद वयस्क ग्रामीणों द्वारा मतदान प्रणाली के माध्यम से निर्वाचित किया जाता है। इस प्रकार ग्राम पंचायत का गठन किया जाता है, जो ग्राम विकास में अपना सक्रिय योगदान प्रदान करता है। निर्वाचित ग्रामीण नेतृत्व में एक प्रमुख ग्रामीण नेतृत्व, जिसे सरपंच के नाम से जाना जाता है तथा शेष ग्रामीण नेतृत्व पंच होता है और समस्त पंच मिलकर अपने में से उपसरपंच का चयन करते हैं, जिसे उपप्रमुख ग्रामीण नेतृत्व कहा जाता है। उपप्रमुख ग्रामीण नेतृत्व, प्रमुख ग्रामीण नेतृत्व की अनुपस्थिति में प्रमुख ग्रामीण नेतृत्व के समस्त कार्यों को संचालित करते हैं। ग्रामीण नेतृत्व की जागरुकता से ग्राम विकास किया जा सकता है, इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए ग्रामीण नेतृत्व में जागरुकता की स्थिति को स्पष्ट किया गया है।1
रीता रानी. ग्रामीण नेतृत्व में जागरुकताः एक समाजशास्त्रीय विश्लेषण (पटना जिले के विशेष संदर्भ में). International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 6, Issue 4, 2020, Pages 54-56