पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा प्रतिपादित प्रबंधन के विविध व्यावहारिक सूत्र-एक अध्ययन
आशीष कुमार, ऊषा जायसवाल
प्रबंधन एक कला भी है और विज्ञान भी। प्रबंधन कैसे करना है? इस विषय पर हज़ारों पृष्ठों की अनेकों पाठ्यपुस्तकें लिखी जा चुकी हैं। अनगिनत प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चलते हैं। बहरहाल, किसी भी पाठ्यपुस्तक या प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में बहुत से अलिखित नियम शामिल नहीं हैं, जो आपको अच्छा, प्रभावकारी और बेहतर प्रबंधक बनाते हैं। भारत वर्ष महापुरषों की कर्मभूमि रही है। इन्ही महापुरषों में एक नाम है पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य उन्होंने व्यक्ति निर्माण, समाज निर्माण एवं राष्ट्र निर्माण, समझदारी, ईमानदारी, जिम्मेदारी तथा बहादुरी जैसे सूत्रों द्वारा जन सामान्य से लेकर विशिष्ट जनों को प्रभावित ही नहीं उनके व्यक्तिगत, पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन में आमूलचूल परिवर्तन कर दिया। आचार्य श्री का लेखन एवं रचनात्मक व्यक्तित्व अत्यन्त महान एवं उदाहरणीय है। उन्होंने अपने जीवन काल में कृत 3500 से अधिक पुस्तकों की रचना की। यह अध्ययन उनके द्वारा प्रतिपादित प्रबंधन के विविध व्यावहारिक आयामों पर किया गया है।
आशीष कुमार, ऊषा जायसवाल. पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा प्रतिपादित प्रबंधन के विविध व्यावहारिक सूत्र-एक अध्ययन. International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 8, Issue 3, 2022, Pages 12-15