International Journal of Humanities and Social Science Research

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International Journal of Humanities and Social Science Research
International Journal of Humanities and Social Science Research
Vol. 8, Issue 4 (2022)

कारागार सुधार के न्यायिक प्रयास


Vivek Kumar Rai, Amit Verma

कारागार से तात्पर्य राज्य द्वारा संचालित ऐसी संस्था से है जहाँ ऐसे व्यक्तियों को रखा जाता है जिनपर अपराध का दोष साबित हो गया है या उनपर न्यायालय में आपराधिक मुकदमा चल रहा है । वर्तमान में भी भारत में कारागार का संचालन मुख्यतः 1894 के कारागार अधिनियम से ही संचालित हो रहा है जो ब्रिटिश काल की देन है । आज भी हम यदि गंभीरता से देखे तो कैदियों की स्थिति और कारागार व्यवस्था में आशा के अनुरूप बदलाव नहीं हुआ है । क्षमता से अधिक कैदी, कारागारों की जर्जर संरचना, कैदियों का दमन, कारागार कर्मियों की संख्या में कमी आदि समस्याएं आज भी बनी हुई है । इसी के सम्बन्ध में कैदियों द्वारा दाखिल वादों और कई बार जनहित याचिकाओं के सन्दर्भ में संबंधित राज्य के उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने मानवतावादी और आधुनिक दृष्टिकोण अपनाते हुए महत्वपूर्ण निर्णय दिए है ।
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How to cite this article:
Vivek Kumar Rai, Amit Verma. कारागार सुधार के न्यायिक प्रयास. International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 8, Issue 4, 2022, Pages 59-61
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