दुनिया की आबादी का आधा हिस्सा महिलाएं हैं। कहते हैं कि किसी भी सामाजिक प्रगति का महत्वपूर्ण संकेत उस देश की महिलाओं की स्थिति से मिलता है। भारत जैसे विशाल देश की अधिकतर जनसंख्या गांवों में निवास करती है। यह सर्वविदित है कि ग्रामीण समाज महिलाओं द्वारा किए गए श्रम पर अधिक निर्भर हैं महिलाएं ग्रामीण समाज की नींव हैं। हमारे देश में गरीबी भी एक विकट समस्या है। गरीबी का सबसे अधिक प्रभाव महिलाओं पर ही पड़ता है। शिक्षा ही गरीबी के इस दुष्चक्र को तोड़ सकती है। महिला सशक्तिकरण 21वीं सदी का अत्यन्त महत्वपूर्ण मुद्दा है। शिक्षा के अभाव में महिलाओं का सशक्तिकरण असंभव है। यदि पुरुष शिक्षित है तो मात्र एक व्यक्ति शिक्षित होता है, परन्तु यदि एक महिला शिक्षित होती है तो दो परिवार शिक्षित होते हैं। उŸाराखण्ड की बात करें तो महिलाएं इस राज्य की शान है। राज्य के सृजन में महिलाओं का विशेष योगदान रहा है। वैसे भी हमारे देश में 50 प्रतिशत जनसंख्या महिलाओं की है इसलिए महिलाओं के उत्थान एवं उनको आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक न्याय उपलब्ध कराने के लिए उनके अधिकारों से अवगत कराया जाना राष्ट्र के हित में अति आवश्यक है।
हेमन्त कुमार. ग्रामीण महिला सशक्तिकरण एवं शिक्षा. International Journal of Humanities and Social Science Research, Volume 7, Issue 6, 2021, Pages 76-78